Hamida Banu Wrestler की जिंदगी कैसे और कंहा तक सफ़र तय किया जानते हैं सब
गूगल ने 4 मई 2024 को भारत की पहली महिला रेसलर हमीदा बानो Hamida Banu को याद करने के लिए डूडल का सहारा लिया। डूडल ने उस खेल में एक ऐसी खतरनाक महिला की याद दिलाई जो 1940 और 1950 के दशक में
पुरुषों को ओपन चैलेंज देती थी। हमीदा बानो कभी भी किसी पुरुष से कुश्ती में नहीं हारी। तो चलो जानते हैं इस लोहे जेसे लेडीज के बारे में आखिर इसकी जिंदगी केसे जुड़े रेस्त्लेर में
भारत में बदलते समय के साथ हर चीज में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पहले जहां कुश्ती के खेल में पुरुष ही लड़ा करते थे, लेकिन वक्त के साथ-साथ महिलाओं ने भी पहलवानी में खूब नाम कमाया। महिलाओं का कुश्ती के खेल में
भाग लेने को लेकर भारत में बॉलीवुड फिल्म दंगल भी बनाई गई, जिसमें दो भारतीय पहलवानों की कहानी को दर्शाया गया और इस फिल्म ने कई लड़कियों को मोटिवेट भी किया।
आज हम कुश्ती की बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि गुगल ने भारत की पहली महिला रेसलर हमीदा बानो
Celebrating Hamida Banu को याद करने के लिए डूडल का सहारा लिया। ऐसे में आपको बताते हैं हमीदा बानो के बारे में कई रोचक बातें।
Hamida Banu Wrestler भारत की पहली महिला रेसलर बनी थी
1950 के दशक में जब महिला पहलवानों को कुश्ती लड़ने में काफी दिक्कत होती थी, तब देश में एक महिला उभरकर आईं, जिसका नाम हमीदा बानो था। यूपी के मिर्जापुर में जन्मीं हमीदा बानो (Hamida Banu) ने 1940-50 के दशक
के समय यह घोषणा की थी कि जो भी पुरुष पहलवान उन्हें कुश्ती में हराएगा, वह उससे शादी कर लेंगी।
हमीदा के इस ओपन चैलेंज का कई पहलावनों ने स्वीकार किया, लकिन कोई भी उनके सामने नहीं टिक सका। पहला मुकाबला पटियाला के कुश्ती चैंपियन से हुआ और दूसरा कोलकाता के चैंपियन से। दोनों ही पुरुष पहलवान हमीदा को नहीं हरा सके
हमीदा भारत की पहली महिला रेसलर के नाम पर खूब फेमस हुई और उन्होंने कई बड़े-बड़े पहलवानों को हराया। हमीदा काफी ताकतवर थी, क्योंकि उनकी हाइट भी काफी अच्छी थी। उन दिनों हमीदा की तुलना अमेरिका की
मशहूर पहलवान अमेजॉन से हुई थी, इसलिए उन्हें अलीगढ़ की अमेजॉन कहा जाने लगा था।
Hamida Banu Wrestler का सामना करने से पाकिस्तान के पहलवान ने मना किया था
Hamida Banu Wrestler इतनी खतरनाक थी कि उन्होंने लाहौर के मशहूर गामा पहलवान से लड़ने के लिए भी इनकार नहीं किया, लेकिन आखिरी समय पर लाहौर के पहलवान ने उनसे कुश्ती लड़ने से मना कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि वह एक लड़की से कुश्ती नहीं लड़ेंगे। वहीं, 1954 में हमीदा ने दावा किया था कि वह 320 दंगल जीत चुकी थीं।
Hamida Banu Wrestler ने रूस की पहलवान को हराया
Hamida Banu Wrestler साल 1954 में हमीदा बानो का सामना रूस की पहलवान वेरा चिस्टिलीन (Vera Chistilin) से मुंबई में हुआ। इस मैच में हमीदा ने रूस की फीमेल बियर को तुरंत ही हरा दिया। इसके साथ ही
उन्होंने उसी साल ये ऐलान किया कि वह भारत से बाहर यूरोप जाकर कुश्ती लड़ेगी।
Hamida Banu Wrestler की मौत कैसे हुई
हमीदा के कोच सलाम पहलवान को उनका यूरोप जाकर कुश्ती लड़ने का प्लान पसंद नहीं आया और उन्होंने हमीदा की खूब पिटाई की। यहां तक कि हमीदा के एक पैर टूट गया था। कई सालों तक वह लाठी के सहारे चलती थी। इसके बाद हमीदा कुश्ती छोड़कर एक गुमनाम जिंदगी जीने लगी।
इसे भी पढ़ें Hamida Banu बायोग्राफी Husband बच्चे कौन हैं हमीदा बानू जाने पूरी जानकारी
हमीदा बानो ने अपना दूध का व्यवसाय करती रहीं। आर्थिक तंगी की वजह से बाद के दिनों उन्होंने सड़क किनारे खाने का सामान भी बेचा। साल 1986 में उनकी गुमनामी में मौत हो गई